चैतन्य उपाध्याय दशरथ वडोदरा गुजरात से है। बचपन से लिखने की और रुझान है। दूसरी किताब मैं अपनी कविताएं लेके आए है।
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Parmatma Prem
पुस्तक पूरी तरह से आद्यात्मिक यात्रा के बारे मैं है।चैतन्य उपाध्याय ने अपने जीवन के अनुभव में परमात्मा के प्रति जो एहसास जिया वो कविता के माध्यम से किताब में प्रस्तुत किया है।कुल 21 कविताऐं है। हृदय से लिखी है हृदय तक पोचे यही आशा है।